Saturday 2 February 2013

दिल उपनिवेश और बदन साम्राज्य


दिल उपनिवेश और बदन साम्राज्य 

1
हमारा
दिल
तुम्हारा उपनिवेश है
और
हमारा बदन
तुम्हारा साम्राज्य
और
तुम
एक साम्राज्यवादी
स्थापित करना चाहते हो साम्राज्य
हमारी आजादी  
अधिकारों
भावनाओं   
संवेदनाओं    
संभावनाओं   
ख़्वाबों    
उड़ानों  
मन   
सोच
कोख   
चिंतन और चाहत पर   
कदम-दर-कदम करते हो आहात
आखिरकार
हमारा बदन भी एक तरह का
भू–भाग ही तो है
जिस पर
तुम स्थापित करना चाहते हो
अपना साम्राज्य...  

2
हमारा बदन
तुम्हारे लड़ाई का मैदान है
और
तुम
एक लड़ाके
तुम
हमारे बदन से  
ठीक वैसे ही
लड़ते आ रहे हो
जैसे लड़ता है
अमेरिका
अफगानिस्तान,ईराक और इरान से...   

3 
हमारा बदन
तुम्हारे लिए
पैर है
कभी धान का
कभी गेहूँ का
जिसकी
दौरी करते हैं
बैल अपने खुर से
मैं भी तो तुम्हारे लिए
पैर ही हूँ
और
तुम
दंवरी करता हुआ बैल.

4
हमारा
बदन
तुम्हारे लिए
कभी उपजाऊ खेत है  
कभी खलिहान
जब भी
तुम्हें
अहसास होता है
हमारे
बंजर होने का
बदल देते हो
हमें
ठीक वैसे ही
जैसे बदलते हो कपड़े
बदन के अपने
तुम्हें पसंद है
लहलहाती फसल
और उपजाऊ जगह.  

5
हमारी कोख
है
तुम्हारा   
नौमासा
फसल
उगाने की जमीन
जहाँ पैदा होता है
तुम्हारे
वंशवाद का बीज  
बदन हमारा
कब्जा तुम्हारा.

6
कभी-कभी
लगता है
हमारा बदन
एक रोड है
और तुम
उस पर चलने वाला लारी
रोड को कभी रोते हुए देखा है
जिसके ऊपर से गुजर जाते हैं
न जाने कितने बोझ.  

7
तुम्हारे लिए
हमारा बदन
कभी फुटबाल है  
कभी खेल का मैदान
जहाँ
जीत सिर्फ
तुम्हारी होती है  
क्यों ?
यह उजाले की तरह साफ है  
प्लेयर भी तुम
रेफरी भी तुम.


8

हमारा
बदन गन्ना है
ताजिंदगी पेरी जाती हूँ
तुम्हारे
कोल्हू में गन्ने की तरह
तुम्हें
कितना रस मिलता है
हमारे बदन से
हमारे जीवन से
इसी रस से बनाते हो
कभी गुड़
कभी खांड़
कभी चीनी.  

9
हमारी
आखें हैं
दर्द और पीड़ा से निकली
एक नदी  
कभी जेठ की तरह सूखती   
कभी सावन-भादों सी उफनती     
और
तुम्हें
नज़र आती है झील.  

10
हमारा
बदन है
श्रम से उपजा  
संघर्षों में तपा
समझौतों से दबा
बोझ से लदा
दर्द से भरा
घाओं से हरा
गुलामी में जकड़ा 
जंजीरों में बंधा

अब मैं
इस बदन को आज़ाद करना चाहती हूँ
स्वतंत्रता की नई जमीन तोड़ना चाहती हूँ
खुले आसमान में उड़ान भरना चाहती हूँ
तुम
उठाओ
कागज-कलम
-लिखो गाथा
स्त्री मुक्ति का.
.................---------------............(भविष्य में विस्तार और संशोधन संभव) 
DRY/02/02/2013/12.00

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