Tuesday 8 January 2013

निराशा राम बापू:अध्यात्म का डाकू,विचार से टापू


महिला विरोधी,जालसाज,लफ्फाज और भूमि हरण गुरु !

रमेश यादव/dryindia@gmail.com 

7 जनवरी,2013.नई दिल्ली. 

आपको लोग 'आध्यात्मिक गुरु आसाराम बापू' कहते हैं.आप ने बतौर बापू अब तक लोगों कोक्या दिया हैं..? सिवा उल्लू बनाने और अध्यात्म के नाम पर लोगों को लूटने और उनकी जेब काटने के... 
आप एक नम्बर के 'भूमि हरण गुरु' हैं.देश के हर हिस्से में भूमि कब्जा किये हैं.
करोड़ों-अरबों रुपये की संपत्ति हड़प कर रखे हैं.आपके ही आश्रम में नाबालिग बच्चों का खून हुआ.
आप इतना ही प्रतापी थे तो बच्चे आपका नाम लेकर बच क्यों नहीं गये या खूनी आपके प्रताप से डरे क्यों नहीं...?
जब आप संत (?,तथाकथित) होकर लोगों के बापू कहने से नहीं पिघलते हैं तो हैवानियत पर उतारू लोग  भाई कहने से कैसे पिघलेंगे...?

मुझे लगता है आप पर पांच किस्म के मुकदमे दर्ज होने चाहिए-  
1. हत्या
2. आध्यात्मिक धोखे देने
3. अनैतिक बयानबाजी
4. देश के विभिन्न भागों में भूमि कब्ज़ा करने और
5. अध्यात्मिक प्रवचन के बावजूद समाज सुधारने में असफल साबित होने,जालसाजी,लफ्फाजी और मूर्ख बनाकर शिष्यों का गिरोह आदि.
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इनके चाल,चेहरा और चरित्र पर तीन कविताएँ !
एक  
ऐ धर्म (?) के आसा
अधर्म के बतासा
तुम्हारे जबान से
हुई हताशा
महिलाओं को निराशा
बनकर अध्यात्मिक
करते हो तमाशा
नाम है बापू
जमीन के हो डाकू
विचार से हो टापू
राम तुम बने नहीं
रावण को छोड़े नहीं
धर्म के ढक्कन से
ढांके हो खुद को ....
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भाग दो

बापू के भेष में
संस्कृति के ड्रेस में
धर्म के धरातल पर
संस्कार के खेत में
मूल्य के मंदिर में
सिद्धांत के सिद्धपीठ में
परंपरा के परवरिश में
नैतिकता के नाव में
आडम्बर के छाँव में
अध्यात्म के अध्याय में
आश्रम के आँगन में
पाखंड के आवरण में
बोते हो-
बे-शर्मी का बीज....
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भाग तीन

मजहब के मर्म को
माटी में मिलाते हो
पवित्रता के पर्व को
छाती से चिपकाते हो
शिक्षा के नाम पर
अशिक्षा फैलाते हो
ढकोसला के ढक्कन से
धर्म की घुट्टी पिलाते हो
प्रवचन के पंच से
उद्गार के मंच से
उद्धार के नाम पर
उद्धम मचाते हो
दुनिया में घूम-घूम कर
उद्दम बढ़ाते हो ...
07/01/2013/11.28.pm.

3 comments:

Rohitas Ghorela said...

अगर वाकई सिर्फ भइया कहने से हादसों से बचा जा सकता है ...तो अब वक्त आ गया है कि आशाराम बापू अपने बयान से गुस्साये लोगों से "भइया जी स्माइल" कहना शुरू कर दें !

रमेश यादव said...

यह सूत्र उनके काम आएगा...?

रमेश यादव said...
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