Tuesday 29 January 2013

यहाँ आदमियों के शिकार का आदमी ही शिकारी है


यहाँ आदमियों की बस्ती में हर आदमी परेशां है

हिन्दुओं की बस्ती में
मुसलमान परेशां हैं
मुसलामनों की बस्ती में
हिन्दू परेशां हैं
शियाओं की बस्ती में
सुन्नी परेशां हैं
सुन्नियों की बस्ती में
शिया परेशां हैं
हिन्दुओं की बस्ती में खुद
हिन्दू परेशां हैं
अगड़ों की बस्ती में
पिछड़े परेशां हैं
पिछड़ों की बस्ती में
दलित परेशान हैं
दलितों की बस्ती में
आदिवासी परेशां हैं
आदिवासियों की बस्ती में
जानवर परेशां हैं
मजबूत अगड़ों की बस्ती में
कमजोर अगड़े परेशां हैं
पिछड़ों की बस्ती में
पिछड़े भी परेशां हैं
दलितों की बस्ती में
दलित भी परेशां हैं
आदिवासियों की बस्ती में
आदिवासी भी परेशां हैं
मर्दों की बस्ती में
महिलाएं परेशां हैं
महिलाओं की बस्ती में
आदमी परेशां हैं
आदमियों की बस्ती में
जानवर परेशां है
जानवरों की बस्ती में
आदमी परेशां हैं
कौन
किसके बस्ती में
नहीं परेशां है
यहाँ आदमी ही शिकारी है   
और आदमी ही शिकार है
आदमियों की बस्ती में
हर आदमी परेशां है (विस्तार संभव)
DRY/29/01/2013/09:34/

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