Saturday 22 December 2012


देश के नौजवानों !


 उठो,जागो और इस कुहांसे को चिर दो !







मौजूदा सल्तनत की खूंखार,निरंकुश,निर्मम,बदहवास,बदमिजाज़,असभ्य,अनियंत्रित, असंयमित, अमर्यादित आचरण की कुशल बुनकर दिल्ली पुलिस के इस बहादुरी को देखिये.

इस युवती पर लाठी मारते हुए उसके चेहरे के विजयी भाव को देखिये.उसके पीछे ललकारते हुए दो पुलिस वालों के मर्दानगी को देखिये...

रात-दिन चुंगी वसूली में मस्त और घटनाओं के वक्त अकसर लुका-छिपी का खेल खेलने में माहिर दिल्ली पुलिस के इस करतूत को देखिये...निहत्थे छात्र-छात्राओं पर लाठी भांजने में कितनी प्रशिक्षित और सक्रिय दिखती है.

अपराधियों को देखकर माद में घुस जाने,पेड़ों के पीछे छुपकर दूरबीन विधि से शिकार कर चालान काटने का दबाव बनाकर जेब काटने वाली दिल्ली पुलिस की मर्दानगी तो देखिये...

देश के नौजवानों !
इस हत्यारी सत्ता को बदलो,देश को बदलो,समाज को बदलो,पुलिस को बदलो,न्याय व्यवस्था को बदलो.राजनीति को बदलो.बराबरी का समाज गढ़ो,जहाँ स्त्री-पुरुष बराबरी से रहें.बिना भेदभाव के.

यह देश तुम्हारा है!
नौजवानों का है.किसी एक दल का नहीं है.किसी एक परिवार की जागीर नहीं है.किसी एक वर्ग का चरागाह नहीं है.सबका है.हम सबका है...

उठो ! जागो और इस कुहांसे को चिर दो !

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