Monday 26 November 2012

अमेरिका के भोजन पर साम्राज्यवाद का भाषण


रमेश यादव 

e-mail:dryindia@gmail.com

'मेनिफेस्टो'

उनके पुरखे
सामंतवादी थे
पिता अपने समय में
घोर जातिवादी दे
देख सुनहरा अवसर
मुँह में खोता लगाये
और समाजवादी हो गये
सुना है
इन दिनों
बेटे 
जनवाद का 'मेनिफेस्टो' लिख रहे हैं 

DRY/26/11/2012/08.25/PM.

परदादा से पोते तक  

पहले
उनके दादा-परदादा
मुस्लिम शासकों की सेवा किये
जमींदार-जागीरदार बन बैठे
स्वतंत्रता आंदोलन में
उनके पिता
भारतीय जनता के साथ गद्दारी किये
धरती के मालिक बन बैठे
आज़ादी के बाद
उनके पोते 
राजसत्ता का साथ दिये
और कैबिनेट में काबिज हो गये

DRY/26/11/2012/08.45/PM.

साम्राज्यवाद  

आजकल
वे मंच ठोक-ठोक कर भाषण देते हैं
इस खूबी के बारे में
हमने उनके एक करीबी से पूछा
बोले
क्या बतायें
खाते हैं अमेरिका का
पगुरियाते हैं साम्राज्यवाद पर...

DRY/26/11/2012/08.25/PM.

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