Saturday 27 October 2012

बाबा की बबाई,समय से सगाई

बाबा !
व्यवहार में उदारवादी हैं/विचार से सामंतवादी हैं 
लगता है समाजवादी हैं/मगर पक्का जातिवादी हैं 
समय चाहे जैसा हो/घोषणा करते साम्यवादी हैं 
नज़र से शिकारवादी हैं /ज़िगर पूंजीवादी है 
मन साम्राज्यवादी है/कहते जनवादी हैं
जीवन सुखवादी है/कहते संघर्षवादी हैं
सोच भोगवादी है/कहते लोकवादी हैं
लिखते क्रांतिकारी हैं/बोलते जुगाड़वादी हैं
सक्रिय अवसरवादी हैं/कहते सर्वहारावादी हैं
चाल सरकारवादी है/ढाल मनुवादी है
अपन भी कहाँ फंसे,समाज परिवर्तनवादी है (विस्तार संभव)

रमेश /28/10/2012/09.53./AM.








बाबा !

बुद्धिमान बुद्धिजीवी हैं
हमेशा भाप की तरह भभकते हैं
जुगाड़ू इतने की सभी
माध्यमों के मंच पर सक्रिय दिखते हैं
जब भी मुँह खोलते हैं
साम्राज्यवाद का विरोध करते हैं
लोगों को लगता है
बाबा
राष्ट्रवादी क्रांतिकारी हैं
मगर असली जीवन में
बाबा अंतरराष्ट्रीय भोगवादी हैं
सरकारी नीतियों का करते हैं विरोध
और सुविधाओं का लगाते हैं भोग ...(विस्तार संभव)

रमेश /28/10/2012/09.10/AM.